- Ujjain Simhastha 2028: तैयार हो रहा है मेला क्षेत्र, 12 नए ब्रिज से आवागमन होगा आसान!
- भस्म आरती: बाबा महाकाल का राजा स्वरूप में हुआ दिव्य श्रृंगार, मोगरे और गुलाब के सुगंधित पुष्प किए गए अर्पित!
- Mahakal Temple: अवैध वसूली के मामले में हुआ चौंकाने वाला खुलासा, एक आरोपी निकला HIV पीड़ित; सालों से मंदिर में कर रहा था काम ...
- महाकाल मंदिर में बड़ा बदलाव! भस्म आरती में शामिल होना अब हुआ आसान, एक दिन पहले मिलेगा भस्म आरती का फॉर्म ...
- भस्म आरती: मंदिर के पट खोलते ही गूंज उठी 'जय श्री महाकाल' की गूंज, बाबा महाकाल का दिव्य श्रृंगार कर भस्म अर्पित की गई!
कार्तिक में बाबा के चंद्रमौलेश्वर रूप के दर्शन पाकर निहाल हुए भक्त
उज्जैन में कार्तिक मास में प्रजा का हाल जानने राजाधिराज महाकालेश्वर की पहली सवारी सोमवार को गाजे बाजे के साथ निकली। सवारी में आगे-आगे घुड़सवार, पुलिस बैंड और पुजारियों के झांझ-मंझीरा दल थे। राजाधिराज के दर्शन पाकर भक्त निहाल हो गए। बाबा चंद्रमौलेश्वर रूप में थे। उनके सवारी मार्ग को भक्तों ने फूलों से पाट दिया।
बताते चलें कि भगवान महाकालेश्वर की श्रावण-भादों व कार्तिक-अगहन मास प्रजा का हाल जानने गर्भगृह से निकलते हैं। सावन मास में भी राजाधिराज की सवारी निकाली जाती है। इसके अलावा दशहरा और बैकुंठ चतुर्दशी पर भी महाकालेश्वर की सवारी निकलती है। सोमवार को सवारी निकलने से पहले मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक नरेंद्र सूर्यवंशी ने भगवान के चंद्रमौलेश्वर के रूप में बाबा महाकाल की पूजा की। सवारी पारंपरिक मार्ग से होते हुए रामघाट पहुंची। जहां पूजन के बाद कार्तिक चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार होकर महाकाल मंदिर लौटी।
कार्तिक मास की अगली सवारी 23 नवंबर को निकाली जाएगी। इसके बाद 28 नवंबर को रात 11 बजे वैकुंठ चतुर्दशी की सवारी निकलेगी। इसी दिन गोपाल मंदिर हरिहर मिलन होगा।